लोकतंत्र की लाज बचाओ
लोकतन्त्र की भारत रोता
लोकतंत्र का भारत रोता ,
लोकतंत्र की लाज बचाओ ।
फिर से कोई गांधी लाओ ,
लाल बहादुर और सुभाष लाओ।
नेता लूट-लूट कर बिदेशो में जमा करते ,
जब देखो तब टेक्स बढ़ातें ।
अगर संभव हो तो ,
गरीबो को हक दिलवाओ ।
सच्चाई बेहोश पड़ी है ,
सीना ताने अनीति खड़ी है ।
पुलिस नपुंसक हुई हमारी ,
हाल ह्रदय को किसे बताऊ ।
नई सदी चल रही आज फिर ,
अजब गजब वह ढ़ाती जाती ।
कुछ तो अब करतब दिखाओ ,
भारत को अब खुशहाल बनाओ ।।
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