अन्याय करने से ज्यादा सहना खतरनाक है
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना ज्यादा अपराध है
हम लोग कायरता के विरुद्ध पढ़ बोल और सुन तो सकते है पर कर कुछ नही सकते , कायरता का विषाणु हमारे अंदर घुस आये है , तभी तो सर और खौफ का मंजर समाप्त न होता ।अन्याय सहना अन्याय करने से ज्यादा खतरनाक है ।
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