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नेता बनने के उपाय

by जनवरी 12, 2016
नेता बनने के उपाय चुटकी भर चुंगलि हो , चापलूसी पांव भर , दगाबाजी डेढ़ पांव , ऊपर से मिलाइये , तिन तोला भितरघात , कुटिल हंस...Read More

आग लगाने वालो पहले सीखो घर की आग बुझाना

by जनवरी 11, 2016
आदर्शो ने सत्ता के घर आत्म समर्पण कर ही डाला आदर्शो ने सत्ता के घर आत्म समर्पण कर ही डाला आग लगाने वालो पहले सीखो घर की आग बुझाना वर...Read More

जो भोर में थे मित्रम् , रात्री में वो शत्रुम्

by जनवरी 10, 2016
जो भोर में थे मित्रम् , रात्रि में वो शत्रुम् । जो भोर थे मित्रम् , रात्री में वो शत्रुम्। ईमान न चरित्रम् , हर कृत अति विचित्रम् । ...Read More

हे मजदूर किसान

by जनवरी 09, 2016
हे मजदूर किसान ! हे मजदूर किसान ! नमस्कार ! सोने - चांदी से नही किंतु तुमने मिटटी से किया प्यार । हे मजदूर किसान ! नमस्कार ! ये खेत...Read More

रस्मो रिवाज मेरे मुल्क के बड़े ही निराले है

by जनवरी 09, 2016
देश में अन्धेरा फैलाने वालो के घर उजाले है रस्मो रिवाज मेरे मुल्क के बड़े ही निराले है , देश में अँधेरा फैलाने वालो के घर उजाले है । Read More

पाकिस्तान को करारा जबाब ,सचिव स्तर की वार्ता तोड़ने की धमकी ।

by जनवरी 08, 2016
पठानकोठ हमले के बाद मोदी जी ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जबाब दिया जिसे पाकिस्तान को छठी का दूध याद आगया, बोले जा हम तुमसे बात नही करेगें ।(सचि...Read More

लूट सके तो लूट

by जनवरी 07, 2016
लूट सके तो लूट जनता कष्ट से झेलती , महंगाई की मार , रोजमर्रे की खर्च से , सभी की है खस्ता हाल , आसमान छूने लगे , बाज़ारो के माल , कु...Read More

असहाय गंगा

by जनवरी 07, 2016
असहाय गंगा असहाय है लाचार है मजबूर है गंगा , अब हैसियत से बहुत दूर है गंगा , कैसी रही क्या हो गई हैरान है गंगा , शीशे में खुद को देख ...Read More

सत्ता पर बैठे ब्रह्नल्ला तो स्वभिमान कैसे जागे

by जनवरी 05, 2016
सत्ता पर बैठा ब्रह्नला तो ,  स्वभिमान कैसे जागे । सत्ता पर बैठे ब्रह्नला तो , स्वभिमान कैसे जागे , अपने स्व पर विश्वास नही , तब दुः...Read More

कफ़न में लिपटी फतह हमारी है , आओ जंग करें

by जनवरी 04, 2016
 आओ जंग करे  कफ़न में लिपटी फतह हमारी है , आओ जंग करे । पोशीदा गुफ्तगू जारी है आओ जंग करे , सदाए देती है देंने दो तन्हाई कब्रो को , ब...Read More

मेरे देश के लोग तुम बगावत क्यूँ नही करते

by जनवरी 04, 2016
मेरे देश के लोग तुम बागवट क्यों नही करते मेरे देश के लोगो तुम शिकायत क्यूँ नही करते , तुम इतनी जुल्म सहकर बगावत क्यूँ नही करते , ये म...Read More

आओ संकल्प ले भारत माता को एक नई आज़ादी दिलाने का

by जनवरी 04, 2016
आओ संकल्प ले  हमारी समाजिक समरसता , हमारी राष्ट्रीय एकता , अखण्डता , हमारी संस्कृति अस्मिता , हमारा इतिहास - भूगोल , हमारी शिक्षा , हमा...Read More

सत्य की विजय

by जनवरी 04, 2016
सत्य की विजय ईमानदार से सारे बेईमान ड़रते है और इसी डर के कारण उसे नफरत करने लगते है और उसके जान के दुश्मन तक बन जाते है ।धिरे - धिरे ब...Read More

पहने फूलो का माला

by जनवरी 03, 2016
पहने फूलो की माला पहने फूलो का माला , बनता जन का रखवाला , निर्धन का छीने निवाला , करता नित दिन घोटाला , बोले गांधी का भाषा , सब बढ...Read More

जितना खतरा नही चीन से अथवा पाकिस्तान से

by जनवरी 03, 2016
जितना खतरा नही चीन से अथवा पाकिस्तान से जितना खतरा नही चीन से अथवा पाकिस्तान से , उतना खतरा आज देश के भीतर शैतान से ,            झगड़े...Read More

फिर भी मेरा देश महान

by जनवरी 02, 2016
मेरा देश महान  सिद्धान्तों को मलेरिया , संस्कारो को टीबी , ईमानदारी को एड्स , और चरित्रहीनों की शान है , फिर भी मेरा भारत महान है । ...Read More

जिस्म का व्यपार एक जघन्य अपराध है

by दिसंबर 31, 2015
जिस्म का  व्यपार जघन्य अपराध है औरतो के जिस्म को जीन्स में बदलने वाली धन लोलुपता और लिप्सा की संस्कृति ने जब देह व्यपार के मामले में इस...Read More

आज का समाजिक वातावरण वेहद अश्लील हो गया है

by दिसंबर 30, 2015
आज का समाजिज वातावरण बेहद ही अश्लील हो गया है  आज का समाजिक वातावरण वेहद अश्लील हो गया है ।सौंदर्य ऐंद्रिक हो गया है इन्द्रिय देह हो गई...Read More

सेकुलर नेताओ द्वारा हिन्दू धर्म का अपमान करना ही धर्म की परिभाषा बन गई है

by दिसंबर 30, 2015
तथाकथित सेकुलर नेताओं द्वारा हिन्दू धर्म का अपमान करना ही धर्म निरपेक्षता की पहचान बनती जा रही है । आजाद भारत में हिन्दू धर्म और उसके प...Read More

भारतीय संस्कृति में

by दिसंबर 30, 2015
भारतीय संस्कृति भारतीय संस्कृति में जिन नैतिक मूल्यों का अधिष्ठान है उन मूल्यों की ओर समाज पीठ फेर रहा है ।सत्ता से लेकर संपदा तक सर्व...Read More

अपररधियों और राजनेताओ के रिश्ते

by दिसंबर 28, 2015
अपराध और राजनीति शरू - शरू में अपराधियों और राजनीतिको का रिश्ता दबा ढका था ।ये दोनों एक दूसरे की मदद चोरी छिपे किया करते थे ।दोनों पक्...Read More

नौजवान उठ करवट बदले तो इतिहास बदल सकता है

by दिसंबर 28, 2015
नौजवान उठ करवट बदले , तो इतिहास बदल सकता है । नौजवान उठ करवट बदले , तो इतिहास बदल सकता है , केवल भुजा उठाने से युग का , विश्वास बदल ...Read More

वेदनां

by दिसंबर 26, 2015
गली - गली है यही वेदनां गली गली है यही वेदनां , शहर -शहर हर गावं में , आजादी का कत्ल हुआ है, आजादी के गावं में । लोकतंत्र अभिशाप बन गय...Read More

अन्याय करने से ज्यादा सहना खतरनाक है

by दिसंबर 25, 2015
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना ज्यादा अपराध है हम लोग कायरता के विरुद्ध पढ़ बोल और सुन तो सकते है पर कर कुछ नही सकते , कायरता का विष...Read More

संस्कार और संस्कृति दोनों की रक्षा में आगे आना होगा

by दिसंबर 25, 2015
हमें अपने संस्कार और संस्कृति दोनों की रक्षा में आगे आना होगा । भारत में बहुत कुछ है जो विश्व में कही नही है। हमारी संस्कृति की यह विशेषता ...Read More

देश लूट रहा

by दिसंबर 25, 2015
देश लूट रहा है , पिट रहा है , आताताई , अराजक , निशाचरी शक्तियों का आतंक देश के जन जीवन के लिये स्थायी अभिशाप बनता जा रहा है । Read More

हम अपने बलिदानियों को विस्मृत कर चुके

by दिसंबर 25, 2015
हम अपने बलिदानियों को विस्मृत कर चुके         भोगवादी और भौतिकवादी संस्कृति से घिरे हम आज तक यह विस्मृत कर चुके है कि हमारी स्वतन्त्रता...Read More

अनाचार के विरुद्ध

by दिसंबर 25, 2015
अनाचार के विरुद्द जिस देश और समाज में अनाचार और अन्याय के विरुद्ध गुस्सा मर जाय वहां फिर किसी चाणक्य को नन्द के कुशासन के विरुद्ध शिखा ...Read More

जीवन एक समर भूमि है

by दिसंबर 24, 2015
यह दुनिया एक समर भूमि है यह दुनिया आदमी के मन की दया पर नही बल्कि उसकी कलाई की ताकत पर चला करती है ।आदमी की दुनिया में चल रही सारी दौड...Read More

कोई दीवाना समझता है कोई पागल समझता है

by दिसंबर 24, 2015
कोई दीवाना कहता है कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बैचैनी तो बस बादल समझता है मैं तुमसे दूर कैसे हूँ तू मुझसे दूर ...Read More

मुहब्बत

by दिसंबर 24, 2015
मोहब्बत एक एहसासो की पावन कहानी है  मोहब्बत एक एहसासो की पावन कहानी है कभी कबीरा दीवाना है कभी मीरा दीवानी है यहां सब लोग कहते है मेर...Read More

निरीह प्राणी की बलि

by दिसंबर 24, 2015
निरीह प्राणी की वली विचार या सोच की वह धारा जो किसी भी मनुष्य को जिस किसी भी कारण से किसी दूसरे निरीह प्राणी की  जान लेने के लिय...Read More

नंगे स्वार्थो के विरुद्ध नंगे स्वार्थ !

by दिसंबर 24, 2015
नंगे स्वार्थो के नंगे विरुद्ध स्वार्थ ! कोई सिद्धान्तों के साथ नही , कोई आदर्शो का अनुगामी नही । हर किसी की नजर राजनीति के छप्पर को फाड़क...Read More

मैं एक नारी हूँ

by दिसंबर 23, 2015
सिसकी सुनकर, किसी ने उससे कहा , तुम क्यों रोती हो, व्यर्थ में समय खोती हो , सहम कर बोली वह , अपनों की उपेक्षा की मारी हूँ , अपने ही घ...Read More

देश में सियासत

by दिसंबर 23, 2015
दोस्तों ,     देश में सियासत , नौकरशाह , पुलिस और माफिया का इतना मजबूत गठजोड़ तैयार हो चुका है कि इनकी जोड़ो में मठ्ठा डाल पाना आज के जम...Read More
by दिसंबर 23, 2015
दोस्तों ,        जीवन-आलेख की रेखा अजीब वक्र होती है उसकी गति मनमानी होती है । Read More

सत्ता बड़े बड़े निष्ठावानो को डिगा देती है

by दिसंबर 23, 2015
सत्ता बड़े बड़े निष्ठावानो को डिगा देती है  सत्ता बड़े बड़े निष्ठावानो को डिगादेती है और भृष्ट कर देती है वह सिद्धान्तों से भटका  देत...Read More

मजहब

by दिसंबर 23, 2015
दोस्तों ,           यह ठीक है कि मजहब हमारी चेतना का बहुत गहरा हिस्सा है , लेकिन इसके दुरूपयोग और किसी भी धर्म के उग्र पंथियों को इसके ...Read More

समाज की रचना

by दिसंबर 23, 2015
दोस्तों ,                दोस्तों हम एक ऐसे समाज की रचना में जुटे हुए है जहाँ साधनो की पवित्रता खत्म हो रही है और साध्य ही सब कुछ हो गय...Read More

मनुष्य का चरित्र

by दिसंबर 22, 2015
दोस्तों ,           मनुष्य का चरित्र एक श्वेत कागज की की तरह होता है एक बार यह कलंकित हो जाय तो इसका पूर्ववत उज्ज्वल होना काफी कठिन है । Read More

आज के युवाओं

by दिसंबर 22, 2015
दोस्तों ,            आजकल बारह महीनों में बारह तरीको से प्यार को अंजाम देने वाले युवा वर्ग को क्या होता जा रहा है पता नही ! टोका टोकी इस...Read More
by दिसंबर 22, 2015
दोस्तों ,      क्या बताए क्या गम मेरे अंदर है ,      कागज की सवारी और राह समन्दर है । Read More

वर्तमान लोकतन्त्र

by दिसंबर 22, 2015
वर्तमान लोकतन्त्र वर्तमान लोकतन्त्र में नेता और गुंडा चोली और दामन की भांति एक दूसरे के अविभाज्य अंग बन गये हैं ।यह निश्चित कर पाना अ...Read More

लड़ाया तो सब ने

by दिसंबर 22, 2015
लड़ाया तो हमे सबने लड़ाया तो हमे सबने , किसी ने अल्लाह के नाम पे लड़ाया , किसी ने राम के नाम पे लड़ाया , जो नही लड़े उन्हें दगाबाज क...Read More

दुनिया का मंजर

by दिसंबर 22, 2015
नंगी आँखों से जब देखा दुनिया  का मंजर नंगी आँखो से देखा जब हमने दुनिया का मंजर, मुख में बाणी थी मीठी मगर पीठ के पीछे था खंजर , आ...Read More

आम आदमी

by दिसंबर 21, 2015
जिस दिन हमारे देश के आम आदमी सुधर जायेगें । उस दिन इस देश में भष्ट्राचार फैलाने वाले नही रह पायेगें ।। Read More

एक तिनका ही सही

by दिसंबर 21, 2015
क्यों घुटन नैराश्य , कुंठा त्रास की बातें करे , एक तिनका ही सही विश्वास की बातें करे , आपका ये दो मुहाँ दर्शन समझ आता नही , ले सं...Read More
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