Breaking News
recent

माँ का पैर दबाना भी मुहब्बत है


अपनी माँ का पैर दबाना भी मुहब्बत है 

  


 किसी बिमारी की अयादत को .. जाना भी मुहब्बत है ।

 किसी भूखे को दो रोटी खिलाना भी मुहब्बत है ।।

 बहुत तन्हा शज़र दीखता है पर हकीकत नही है ये ।

 बनाना किसी शाख़ पर आशियाना भी मुहब्बत है ।। 

 मज़ा देती है तन्हाई जो जीने का सलीका हो ।

 कभी तन्हाई में कुछ गुनगुना भी मुहब्बत है ।।

 हो अखलाख दिल में तो , इबादत है बहुत आसाँ । 

कि अपनी माँ का पैर दबाना भी मुहब्बत है ।। 

 इस इश्क में अश्को के आगे भी बहुत कुछ है ।

 किसी के आँख से आंसू चुराना भी मुहब्बत है ।।

कोई टिप्पणी नहीं:

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();
i love me dosti. Blogger द्वारा संचालित.