संकट ग्रस्त हुआ भू पर मनुजता
संकट ग्रस्त हुआ भू पर आज मनुजता का अस्तित्व
संकट ग्रस्त हुआ भू पर आज मनुजता का अस्तित्व ।
मनुष्यता से रहित हुआ है आज व्यक्तियों का व्यक्तित्व ।
है अज्ञान अभाव अनय का फैला था कुलषित अंधियारा ।आज तिमिर ने शक्ति सृजित कर प्रभा पुंज को ही ललकारा ।
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