असहाय गंगा
असहाय गंगा
असहाय है लाचार है मजबूर है गंगा ,
अब हैसियत से बहुत दूर है गंगा ,
कैसी रही क्या हो गई हैरान है गंगा ,
शीशे में खुद को देख परेशान है गंगा ,
मैदान ही मैदान है , मैदान है गंगा ,
अब कुछ ही दिनों की लगता है मेहमान है गंगा ।
YOU WELCOME
YOU WELCOME
जिन बलिदानियों को हम भूल गए । 23 दिसम्बर , 1912 ई. को लार्ड हार्डिंग पर बम 23 दिसम्बर , 1912 ई, के दिन लार्ड...
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