दोस्तों दुःख से मत घबराना
दोस्तों ,
दुःख में मत घबराना पंछी ये जग दुख का मेल है ,
चाहें भीड़ बहुत अंबर पर उड़ना तुम्हें अकेला है ,
नन्हे कोमल पंख हैं तेरे और गगन की ये दुरी ,
बैठ गया तो कैसे होगी मन की अभिलाषा पूरी ।
दुःख में मत घबराना पंछी ये जग दुख का मेल है ,
चाहें भीड़ बहुत अंबर पर उड़ना तुम्हें अकेला है ,
नन्हे कोमल पंख हैं तेरे और गगन की ये दुरी ,
बैठ गया तो कैसे होगी मन की अभिलाषा पूरी ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें